
एका लिंगे गुदे तिस्रस्तथैकत्र करे दश ।
उभयोः सप्त दातव्याः मृदः शुद्धिमभीप्सता ।।
(मनु, 5-139)
भावार्थ - शुद्धि के इच्छुक व्यक्ति को मूत्र करने के उपरांत लिंग पर एक बार जल डालना चाहिए । मलत्याग के उपरांत गुदा पर तीन बार मिट्टी मलकर दस बार जल डालना चाहिए और जिस बायें हाथ से गुदा पर मिट्टी मली है व जल से उसे धोया है, उस पर दस बार जल डालते हुए दोनों हाथों पर सात बार मिट्टी मलकर उन्हें जल से अच्छी प्रकार धोना चाहिए ।
यहाँ यह भी विचारणीय है कि लेखक ने अपनी समीक्षा में केवल ईसा मसीह और ईसाइयों का ही उल्लेख किया है जबकि ख़तना तो यहूदी और मुसलमान भी कराते हैं।
भारतीय वैज्ञानिकों ने शोध कर दावा किया है कि ख़तना कराने वाले लोगों में एच.आई.वी. संक्रमण होने के आसार अन्य लोगों की तुलना में छः गुना कम होते हैं। एक विज्ञान की पत्रिका में यह भी बताया गया है कि पुरुषों की जनेन्द्रिय की पतली चमड़ी पर एच.आई.वी. संक्रमण ज्यादा कारगर तरीके से हमला करता है। ख़तना कराकर अगर चमड़ी को हटा दिया जाए तो संक्रमण का ख़तरा कम हो जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ख़तने के द्वारा एच.आई.वी. संक्रमण से बचाव हो सकता है, क्योंकि लिंग की बाहरी पतली झिल्ली एच.आई.वी. के लिए आसान शिकार है। ख़तना जनेन्द्रिय की झिल्ली के अन्दर जमा होने वाले पसेव (गंदगी) से तो बचाता ही है साथ ही पुरुष के पुरुषत्व को भी बढ़ाता है। इसका मनुष्य के मन-मस्तिष्क पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। ख़तना के एड्स जैसी अन्य ख़तरनाक बीमारियों से बचाव के दूरगामी लाभ भी हो सकते हैं जो अभी मनुष्य की आंखों से ओझल हैं।
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खतने से घटता है सर्वाइकल कैंसर का खतरा
वाशिंगटन। हर परंपरा के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण होता है। मुस्लिमों में बचपन में की जाने वाली खतना की रस्म [जननांग की ऊपरी चमड़ी को निकालना] को कई दुसाध्य बीमारियों से निपटने में बेहद कारगर बताया गया है। हाल में हुए एक शोध के मुताबिक खतना से एड्स व यौन संचारित वायरस के चलते होने वाले सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में मदद मिलती है।
शोध में नवजात शिशुओं का खतना किए जाने से उन्हें भविष्य में यौन संचारित रोगों से बचाव की बात कही गई है। वर्साय यूनिवर्सिटी [फ्रांस] के डा. बेर्टन आवर्ट और उनके दक्षिण अफ्रीकी सहयोगियों ने अध्ययन के दौरान करीब 1200 पुरुषों का परीक्षण किया। अध्ययन में खतना वाले 15 फीसदी व बिना खतना वाले 22 फीसदी पुरुषों को ह्यूंमन पैपीलोमा वायरस [एचपीवी] से संक्रमित पाया गया। सर्वाइकल कैंसर सहित यौन संचारित रोगों [सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज] के पीछे एचपीवी को जिम्मेदार माना जाता है।
शोधार्थियों ने खतना करा चुके पुरुष के साथ यौन संबंध बनाने वाली महिलाओं को उन महिलाओं की तुलना में सर्वाइकल कैंसर का खतरा कम पाया जिन्होंने खतना नहीं कराने वाले पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाया।
इतना ही नहीं अमेरिका के बाल्टीमोर में अफ्रीकी-अमेरिकियों पर किए गए शोध में खतना कराने वाले 10 फीसदी पुरुषों के मुकाबले खतना नहीं कराने कराने वाले 22 फीसदी पुरुषों को एड्स से संक्रमित पाया गया। प्रमुख शोधकर्ता डा. रोनाल्ड ग्रे के मुताबिक अमेरिका में रहने वाले अफ्रीकी व हिस्पैनिक [लैटिन] पुरुषों में खतना की प्रथा कम पाई जाती है। इस कारण उनमें एड्स का खतरा ज्यादा पाया जाता है। दुनियाभर में हर साल 3.3 करोड़ लोग एड्स से संक्रमित होते हैं। वहीं पूरी दुनिया में प्रति वर्ष तीन लाख महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर से मौत हो जाती है।
धन्यवाद
http://in.jagran.yahoo.com/news/international/general/3_5_5081942.html/print/
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female circumcision in islam
औरतों की खतना
कुरआन में खतना का जिकर नहीं, दीने इबराहीम abrahamic religions अर्थात यहूद, इसाई और मुसलमान में आखरी पेगम्बर मुहम्मद सल्ल. ने इस्लाम में पिछले धर्मों की जिन अच्छी बातों को जारी रखा उनमें एक मर्दों की खतना है,
महिलाओं की खतना का जिकर सही अहादीस में नहीं मिलता, जिन हदीसों को कमजोर हदीस माना गया है उनसे पता चलता है कि उस दौर में जिस व्यक्ति को बुरे अंदाज में पुकारना होता था तो कहा जाता था कि ''ओ महिलाओं की खतना करने वाली के बेटे'' अर्थात अच्छी बात नहीं समझी जाती थी, लगभग सभी बडे मुस्लिम इदारों को इसको ना मानने पर इत्तफाक है इसी कारण यह केवल इधर उधर छोटी मोटी जगह पर कमजोर हदीसों पर अडे हुए या उनको इलाकाई रस्म व रिवाज पर अडे हुए लोगों जैसे की अफ्रीका आदि की सोच का नतीजा है, इंडिया पाकिस्तान बंग्लादेश यहां तक की अरब में भी यह बात मुसलमान भी नहीं जानते, जानने पर हैरत का इजहार करते हैं, इस लिए कुछ अडे हुए लोंगों की सोच का जिम्मेदार पूरी कौम को नहीं माना जा सकता, इधर कोई बुरी प्रथा नहीं जैसे कि सती प्रथा जिसे जबरदस्ती छूडवाया गया,
फिर भी जिसको यह बुरी प्रथा लगे वो मुस्लिम संस्थाओं की इस बात को फैलाए की इस बात को कमजोर हदीस का माना गया है इस लिए छोड दें
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female circumcision in islam
औरतों की खतना
कुरआन में खतना का जिकर नहीं, दीने इबराहीम abrahamic religions अर्थात यहूद, इसाई और मुसलमान में आखरी पेगम्बर मुहम्मद सल्ल. ने इस्लाम में पिछले धर्मों की जिन अच्छी बातों को जारी रखा उनमें एक मर्दों की खतना है,
महिलाओं की खतना का जिकर सही अहादीस में नहीं मिलता, जिन हदीसों को कमजोर हदीस माना गया है उनसे पता चलता है कि उस दौर में जिस व्यक्ति को बुरे अंदाज में पुकारना होता था तो कहा जाता था कि ''ओ महिलाओं की खतना करने वाली के बेटे'' अर्थात अच्छी बात नहीं समझी जाती थी, लगभग सभी बडे मुस्लिम इदारों को इसको ना मानने पर इत्तफाक है इसी कारण यह केवल इधर उधर छोटी मोटी जगह पर कमजोर हदीसों पर अडे हुए या उनको इलाकाई रस्म व रिवाज पर अडे हुए लोगों जैसे की अफ्रीका आदि की सोच का नतीजा है, इंडिया पाकिस्तान बंग्लादेश यहां तक की अरब में भी यह बात मुसलमान भी नहीं जानते, जानने पर हैरत का इजहार करते हैं, इस लिए कुछ अडे हुए लोंगों की सोच का जिम्मेदार पूरी कौम को नहीं माना जा सकता, इधर कोई बुरी प्रथा नहीं जैसे कि सती प्रथा जिसे जबरदस्ती छूडवाया गया,
फिर भी जिसको यह बुरी प्रथा लगे वो मुस्लिम संस्थाओं की इस बात को फैलाए की इस बात को कमजोर हदीस का माना गया है इस लिए छोड दें
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4 comments:
बढ़िया जानकारी, ....
इसे भी पढ़े :-
(आप क्या चाहते है - गोल्ड मेडल या ज्ञान ? )
http://oshotheone.blogspot.com/2010/09/blog-post_16.html
kaun se baigyanik ne kaha ki khatana nahi karane se aids hota hai. khatan karake aids rogi se sex karo, aids rogi ka blood apne sarir me dalo, dekho aids hota hai ki nahi.
jaise dayanand sarswati, usase bevkuf aap hai.
khatna bare men yeh Link Bhi aazmayen
चाहे आपका खतना हुआ हो या नहीं, आपको रोज़ अपने लिंग को साफ करना चाहिए।
http://www.lovematters.info/hindi/पुरुश%20षरीर/%20लिंग/साफ-सफाई
खतना
http://www.lovematters.info/hindi/पुरुश%20षरीर/%20लिंग/खतना
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